सोते है सब सोते है, आँखें अपनी मूँद कर,
सीना ठोके, गर्जन करे, अपनी सच्चाई भूल कर,
है खोखले, सारे कायर है, पर वीर गीत सब गाते है,
सरहद पे वीर मरा था जो, उसे भूल क्यों सारे जातें है.
हाँ मरा था वो मेरे लिए, हाँ मरा था वो तेरे लिए,
ये सोचता होगा बैठ कर, "मैं मरा भला किसके लिए?",
वो देखता होगा जन्नत से, और जार-जार रोता होगा,
वो मरा था जिसके भी लिए, अफ़सोस उसे होता होगा,
थे अत्याचार सहे उसने, आँखें दुश्मन ने फोड़ दी,
माँ की गोदी में सोने की उम्मीद भी होगी छोड़ दी,
दुश्मन ने उस रणवीर को, शत-विशत कर के लौटाया था,
पढ़ के अखबार में उस पल तो, हम सबको गुस्सा आया था,
फिर गुस्सा सारा दफ़न हुआ, हम खो गए चौको-छक्को में,
चादर ओढे बेशर्मी की, सो गए फ़िल्मी लटको-झटको में,
खद्दर ने वादे बहुत किये, इक बाप की चप्पल घिसती गयी,
बेशर्म, बेहया देश के मन से, कुर्बानी उसकी मिटती गयी,
कोई विश्व-कप जीता हमने, सड़को पे देश था झूम रहा,
वो बाप घुटा सा वादों में, अंधेरो में अब भी घूम रहा,
चौदह बरस दफ़न हो गए, अरे राम भी घर आ जायेंगे,
हिजड़ो के इस देश में पर, कभी वीर इन्साफ न पायेंगे.
Read these links and if you are an Indian, hang your head in shame.
Shameless Indian Govt loves pakistan more than its own martyr, refuses to raise issue on international level
Wikipedia- Captain Saurabh Kalia
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