सुना था हमने हर शख्स
का एक मोल होता है,
हर क्रान्ति के पीछे,
गहरा सा झोल होता है,
फिर क्यों भस्म कर
देती है, मशालें ये मति हमारी,
बहुत क्रांतिकारी....बहुत
ही क्रांतिकारी.
बदलाव के सपने बिकते
है, उमीदों के बाज़ार में,
वो ख्वाब दिखा के
ठगते है, रम जाते है व्यापार में,
लोकतंत्र के हाट में
फिर लगती है बोली हमारी,
बहुत क्रांतिकारी....बहुत
ही क्रांतिकारी.
देशप्रेम के नाम पे
हमको टोपी वो पहनाते है,
धर्म का आंटा गूथने,
गंगा में दुबकी लगाते है,
और अज़ान के समय रोक
देते है रैली सारी,
बहुत क्रांतिकारी....बहुत
ही क्रांतिकारी.
परदे के पीछे
पत्रकारों से खुसुर-पुसुर करते,
परदे के आगे उन्ही
से धमकियों में बातें करते,
पल-प्रतिपल पलटी पे
पलटी न जाने कितनी मारी,
बहुत क्रांतिकारी....बहुत
ही क्रांतिकारी.
आम आदमी को भूले,
लगे खोजने लोग ये ख़ास,
गांधी के पोते कही,
कही फिल्म सितारों की जमात,
उन्चास दिनों में
सीख ली, क्या खूब इन्होने मक्कारी,
बहुत क्रांतिकारी....बहुत
ही क्रांतिकारी.
बस बहुत अब हो चुका,
ये देश तुम्ही ने जगाया था,
तेरे झूठ को
बक्शेंगे, ये सोच तू कैसे पाया था?
तेरी मशाल से ही कर
देंगे, भस्म ये लंका तुम्हारी,
हम है क्रांतिकारी...हाँ
हम है क्रांतिकारी.
बहुत ही क्रन्तिकारी ... अति उत्तम
ReplyDeletehttp://www.ibtl.in/video/6793/cia-agent-christian-convert-rajmohan-gandhi-is-for-breaking-india
ReplyDeleteअति उत्तम।
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