आशा ने घर घर जा कर के ओ.आर.एस थमाना है,
अगस्त 10 से बच्चो को कृमि मुक्त भी बनाना है,
और उधर देखो पोलियो की दवा भी लाई है,
13 अगस्त से याद रखना, सघन आई एम आई है,
उसके ऊपर स्कूल मदरसे की सूची भी बनानी है,
न जाने और कौन से कार्यक्रम करवाने की ठानी है,
गुड़ में गोबर, गोबर में गुड़ कही न हो जाये,
ओ.आर.एस घर घर पिला, आशा पोलियो न थमा आये,
देखो कही न एल्बेंडाजोल पानी मे घुलवा दे वो,
IMI के हेड काउंट में स्कूल के बच्चे चढ़ा दे वो,
खैर चलो हमको क्या करना, जो होना है वो होना है,
ऐसी कमरों में जब बने योजना, तो गाव में सबको रोना है।
A collection of my poems for you to read and ponder. If you don't get the message, the moral embedded in my words then either I have failed as a poet or you have failed as a human.
Thursday, 2 August 2018
स्वास्थ्य विभाग
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