Tuesday, 4 October 2016

आगाज

वो भारत अब नही रहा, जो हाथ बाँध के बैठा था,
वो भारत अब नही रहा, जो गोली खाता रहता था,
एक नया आगाज़ है ये, तुम हद में रहना शुरू करो,
घुस के मारेंगे अब तो, बहुत सहा अब तुम डरो।
तुम ने सोच लिया था कि, खून हमारा पानी है,
तुम ने ठान लिया था कि, हस्ती हमारी मिटानी है,
हम फिर भी उम्मीद में थे, थे खड़े गुलाब लिए हाथो में,
तुम खंजर भोक रहे थे पर, हम फसे हुए थे बातों में,
धीरज को हमारे समझ लिया, था तुमने हमारी कमजोरी,
देने को ज़ख्म हमे तुमने, कोई कसर थी नही छोड़ी,
पर भूल गए की दिल्ली में, एक शेर हमने भेजा है,
वो इटली का रोबोट नही, भारत माता का बेटा है,
सेना के हाथों में बंधी हुई, ज़ंजीर को उसने तोड़ दिया,
तेरे ही घर में घुस के हमने, तेरी कायर सेना को फोड़ दिया,
अब वक़्त नही बचा तेरा, बस उलटी गिनती शुरू करो,
एक नया आगाज़ है ये, बस बहुत हुआ अब तुम मरो।

3 comments:



  1. شركة عزل خزانات بالمدينة المنورة
    تهتم شركة عزل خزانات بالمدينة المنورة على أن توفر للعملاء الكرام أجود المواد المتنوعة والمصنفة عالمياً التي تستخدم في عزل كافة أنواع الخزانات بأحجامها وأنواعها المختلفة.
    فضلاً عن احتوائها لأفضل الأجهزة والتقنيات عالية الجودة، وفريق عمل يتميز بالمهارة والكفاءة العالية في إتمام المهام المطلوبة منه في وقت قصير، وتهتم الشركة على أن تقدم أفضل الخدمات بأقل الأسعار.

    ReplyDelete